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. संपादन और पुनर्लेखन

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1 year ago
आत्मकथा को प्रभावी बनाने के लिए संपादन और पुनर्लेखन (रेविजन) एक आवश्यक चरण होता है। लेखक को अपनी आत्मकथा को कई बार पढ़ना चाहिए और उसमें आवश्यक सुधार करना चाहिए। संपादन के दौरान लेखक को यह ध्यान रखना चाहिए कि आत्मकथा में कोई त्रुटि न रह जाए और उसका प्रवाह सुचारु बना रहे। पुनर्लेखन से आत्मकथा को और भी धारदार और प्रभावशाली बनाया जा सकता है।

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Alick Hore
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